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AAP को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका; सोमवार को फिर होगी सुनवाई | Suno India

2019-03-01 0 Dailymotion

आपको बता दें कि देश भर में संसदीय सचिव का पद राज्यमंत्री के समकक्ष माना जाता है..। इसलिए संसदीय सचिवों की गिनती भी मंत्रिपरिषद के कोटे में की जाती है..। चूंकि मंत्रिमंडल में न्यूनतम 7 या अधिकतम सदन की कुल संख्या के 15 प्रतिशत सदस्य ही मंत्री बन सकते हैं, इसलिए संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर अक्सर विवाद होता रहा है..। दिल्ली में भी विवाद इसी बात पर था..। प्रशांत पटेल नाम के एक शख्स ने 20 विधायकों को संसदीय सचिव बनाने की शिकायत चुनाव आयोग से की थी..। आम आदमी पार्टी की दलील थी कि संसदीय सचिवों को ना तो वेतन मिलता है, ना गाड़ी-बंगला, इसलिए आप के 20 विधायकों की नियुक्ति लाभ के पद के दायरे में नहीं है..। चुनाव आयोग ने इन दलीलों को खारिज कर दिया...। आपको दिखाते हैं, वो 20 विधायक...जिनकी सदस्यता पर संकट खड़ा हो गया है...। ये हैं- आदर्श शास्त्री, अलका लांबा, संजीव झा, कैलाश गहलोत, विजेंदर गर्ग, प्रवीण कुमार, शरद कुमार चौहान, मदन लाल, शिव चरण गोयल, सरिता सिंह, राजेश गुप्ता, राजेश ऋषि, अनिल कुमार बाजपेयी, सोम दत्त, अवतार सिंह, सुखवीर सिंह डाला, मनोज कुमार, नितिन त्यागी और जरनैल सिंह...। हालांकि चुनाव आयोग का फैसला आने से पहले ही जरनैल सिंह इस्तीफा दे चुके थे, क्योंकि उन्हें पार्टी ने पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए भेजा था..। <br /><br /><br /><br />For More Information visit us: http://www.inkhabar.com/<br />Connect with us on Social platform at https://www.facebook.com/Inkhabar<br />Connect with us on Social platform at<br />https://twitter.com/Inkhabar<br />Subscribe to our YouTube channel: https://www.youtube.com/user/itvnewsindia

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